लल्लापुरा वार्ड, वाराणसी के प्रमुख वार्डों में से एक है, जो दशाश्वमेध जोन की
सिगरा सबजोन के अंतर्गत शामिल है. यह वार्ड तकरीबन 0.496 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र
में फैला हुआ है. यहां आने वाले प्रमुख आवासीय क्षेत्रों में गुलाब बाग़, शास्त्री
नगर कॉलोनी, नई पोखरी, बादशाह बाग कॉलोनी, रामा कांत नगर कॉलोनी, अली सागर, कमला
नगर, मानिक नगर, जंजीरा बाबा इत्यादि शामिल हैं. वहीँ नई पोखरी पिशाच मोचन क्षेत्र
यहां मलिन बस्तियों में सम्मिलित इलाका है.
मिश्रित जनसंख्या वाले इस वार्ड में कुल जनसंख्या तकरीबन 20,880 है और स्थानीय
पार्षद के अनुसार यहां मतदाताओं की कुल संख्या (वर्ष 2017 के दौरान) 14,000 के आस
पास थी. यहां पार्षद के तौर पर श्रीमती रामशीला देवी जी कार्यरत हैं, जो वर्ष 2017
से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अंतर्गत लल्लापुरा वार्ड से जन प्रतिनिधि के रूप
में कार्यरत हैं और हेमंत जी पार्षद प्रतिनिधि के रूप में स्थानीय विकास कार्यों
में संलग्न हैं.
इस वार्ड में जीविका के साधन मिले जुले हैं, यानि यहां व्यापारी वर्ग, छोटे
लघु-कुटीर उद्योगों से जुड़ी जनता, छोटे व्यापार में संलग्न लोगों के साथ साथ
नौकरीपेशा जनता का भी निवास स्थान है, जिसमें सरकारी एवं प्राइवेट दोनों ही सेक्टर
से जुड़े लोग सम्मिलित हैं.
जनता की मौलिक सुविधाओं के तौर पर इस वार्ड में स्कूलों, अस्पतालों, बैंकों,
एटीएम, पार्कों, मंदिरों इत्यादि की भी सुविधा हैं. यहां शिक्षा सुविधा के रूप में चेतना बाल विद्यालय,
जीजीआईसी, सिटी प्राइड मोंटेंसोरी स्कूल इत्यादि विद्यालय यहां मौजूद हैं. साथ ही
इस वार्ड में गुलाब बाग़ पार्क, शास्त्री नगर पार्क भी स्थित है. वार्ड में आईपी
मॉल और बिग बाजार भी जन सुविधाओं के तौर पर मौजूद हैं.
यदि वार्ड की प्रमुख विशिष्टताओं पर गौर किया जाये तो यहां शास्त्रीय संगीत
के बनारस घराने से शहनाई को विश्व पटल पर पहुंचाने वाले भारत रत्न बिस्मिल्लाह खां
की कब्र मौजूद है. इसके साथ ही वार्ड में प्रसिद्द कशी विद्यापीठ यूनिवर्सिटी भी
मौजूद है.
वार्ड की प्रमुख समस्याओं की बात की जाये तो स्थानीय पार्षद
के अनुसार उनके वार्ड में सबसे बड़ी समस्या सीवर की है, साथ ही साफ़ पेयजल क्षेत्रीय जनता
को उपलब्ध नहीं हो पाना भी एक बड़ी समस्या है. इसके अतिरिक्त वार्ड में गलियों की
हालत भी बदतर है, जिसके कारण स्थानीय जनता को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है.