प्राचीन मंदिरों की नगरी वाराणसी,
जिसे भारत की धार्मिक राजधानी भी कहा जाता है. वाराणसी को इससे पहले बनारस के नाम
से भी जाना जाता था. हिंदु धर्म में यह स्थान बेहद लोकप्रिय है. पवित्र नगरी वाराणसी
में दो नदियों अथार्त वरुणा और असी का संगम होता है, यानि वह स्थान जहां ये दोनों नदियां आकर मिलती है. इसी पवित्र वरुणा नदी के किनारे बसा है कोनिया
वार्ड. वाराणसी के आदमपुर जोन में स्थित आदमपुर मंडल के अंतर्गत आने वाला कोनिया
वार्ड तकरीबन 0.661 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है.
मिश्रित आबादी वाले इस
वार्ड में स्थानीय पार्षद के अनुसार लगभग 21,628 की आबादी का निवास स्थान है. इस वार्ड में आने वाले प्रमुख
आवासीय क्षेत्रों में धोबिया मौहल्ला, बिजायल पुरा, कोनिया सत्ती, विनय कपूर की
गली, मोहन कटरा पोखरी इत्यादि आते हैं. इस वार्ड
में कोनिया सत्ती, मुडी बाबा और माता बरी
जैसी मलिन बस्तियां है.
इस वार्ड में पार्षद के
तौर भारतीय जनता पार्टी से शिव प्रकाश मौर्या जी कार्यरत हैं तथा वह वर्ष 2017 से जनप्रतिनिधि के रूप में स्थानीय विकास
कार्यों में संलग्न हैं. चूँकि वार्ड में सामान्य कॉलोनियां, सोसाइटी क्षेत्र व मलिन बस्तियां हैं तो वार्ड में जीविका
के साधन भी मिश्रित ही हैं. इसीलिए यहां व्यापारी वर्ग, छोटे लघु-कुटीर उद्योगों से जुड़ी जनता, व्यापार में संलग्न लोगों के साथ-साथ नौकरीपेशा
जनता का भी निवास स्थान है. जिनमें प्राइवेट
व सरकारी नौकरियों वाली जनता शामिल है.
जनता की मौलिक सुविधाओं
के दृष्टिकोण से देखा जाए तो इस वार्ड में शिक्षा सुविधा के रूप में हर्ष इंटर
कॉलेज, उमा विशाल पब्लिक स्कूल, मां अन्नापूर्ण विद्यालय व श्री अंबेडकर हर्ष महाविद्यालय जैसे स्कूल मौजूद हैं. इस वार्ड में सरकारी विद्यालय व इंटर
कॉलेज की भी सुविधा है. साथ ही वार्ड से सटे हुए भी कुछ कॉलेज मौजूद हैं. स्वास्थ्य
सुविधाओं के रूप में यहां छोटे प्राइवेट क्लीनिक के साथ-साथ कुछ प्राइवेट नर्सिंग
होम और सरकारी अस्पताल भी मौजूद हैं.
इसके अतिरिक्त यदि
धार्मिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो वार्ड में कुछ मंदिर भी मौजूद है, जो जनता की धार्मिक भावनाओं के लिए अच्छे विकल्प के रूप
में माने जाते हैं. साथ ही जनता के टहलने के लिए पार्क भी वार्ड में मौजूद हैं.