छह राजस्व प्रभागों
सफीपुर, उन्नाव, हसनगंज, पुरवा, बीघापुर, बांगरमऊ में विभाजित
उन्नाव जिला तक़रीबन 16 ब्लाक और 32
वार्ड में विभाजित है. यदि उन्नाव जिले के
इतिहास पर गौर किया जाए तो ब्रिटिश शासन के दौरान वर्ष 1885 में गठित हुयी उन्नाव नगर पालिका को प्रथम बार लगभग 10
वार्ड में बांटा गया था और वर्ष 1953 में पहली बार ही यहां निकाय चुनाव संपन्न
कराए गए. इन निकाय चुनाव के अंतर्गत 16,000 के करीब
मतदाताओं ने हिस्सा लिया था. इसके बाद जैसे-जैसे वार्ड की संख्या बढती गयी,उसी प्रकार मतदाताओं की संख्या में भी वृद्धि होती गयी.
मौजूद इन्ही सभी वार्डों में
से एक वार्ड है जवाहर नगर, जो मुख्यतः उन्नाव के मिश्रित वार्ड में से एक
है, यहां की आबादी भी मिश्रित ही है. सभासद के तौर पर यहां वकार अहमद कार्यरत हैं, जो सभासद के रूप में स्थानीय विकास की
जिम्मेदारी का वहन कर रहे हैं.
जवाहर नगर वार्ड में यदि
मौलिक सुविधाओं की बात की जाए तो यहां स्वस्थ्य सुविधा के रूप में कुछ संख्या में प्राइवेट
क्लिनिक्स व मेडिकल सेंटर मौजूद है. साथ ही शिक्षा सुविधा के रूप में कुछ प्राइवेट
स्कूल वार्ड में मौजूद हैं.
अपने वार्ड के प्रमुख मुद्दों
पर सभासद का मानना है कि उनके क्षेत्र में कई मुख्य समस्याएं हैं, जिसमें प्रमुख सड़कों की जर्जर हालत हैं. उनके अनुसार जरा सी बारिश होते ही
सड़कों पर जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है.
उनका कहना है कि क्षेत्र
में कई जगह सीवर नहीं पड़े हैं और जहां पड़े हुए हैं, वहां ठीक तरह से कनेक्ट
नहीं हैं. नालियों से पानी के निकासी का रास्ता न होने के कारण पानी का जमाव एक ही
जगह हो जाता है और बरसात के समय यह स्थिति और भी भयावह हो जाती है. जिसके कारण
क्षेत्र में कई बीमारियां पनप रही है.