प्रयागराज को ऋषि-मुनियों
ने प्रमुख तीर्थस्थल माना है. वैदिक काल से लेकर वर्तमान समय में भी कार्तिक मास
की पूर्णिमा को लाखों की संख्या में साथ संगम में स्नान करने के लिए लोग एकत्र
होते हैं.
इसके अतिरिक्त कुंभ मेले में प्रयागराज में देश-विदेश से करोड़ों की संख्या में लोग पवित्र गंगा नदी के में स्नान करते हैं. कुम्भ के समय देश-विदेश के महापुरुषों एवं विद्वानों का संगम यहाँ देखने को मिलता है. आरम्भ से ही यह पवित्र स्थली धरती भारतीय संस्कृति और आधुनिक सभ्यता का केंद्र रही है.
मुगल काल में सम्राट अकबर
के शासन के समय प्रयाग का नाम बदल कर ‘अल्लाहबाद’ यानि अल्लाह (प्रभु) का घर रख दिया गया था. जिसे धीरे-धीरे प्रायोगिक रूप में
इलाहाबाद के नाम से जाना जाने लगा. हिन्दुग्रंथानुसार वैदिक काल से ही प्रयागराज
हिंदुओं के लिए पूजनीय स्थली रही है.
यहां तीन नदियों गंगा, यमुना व सरस्वती का संगम हुआ है. इलाहाबाद के नाम का मुद्दा सरकार व आमजन के
मध्य काफी समय से चल रहा था, सभी इसका नाम परिवर्तित करना चाहते थे. इसी
मंतव्य से योगी सरकार ने इलाहाबाद का नाम परिवर्तित कर पुनः प्रयागराज का नाम दे
दिया. वर्तमान में यह स्थल प्रयागराज के नाम से ही जाना जाता है.
तो आज बात करते हैं, देवभूमि प्रयागराज के जहांगीराबाद वार्ड की, जो वर्तमान में प्रयागराज नगर निगम का हिस्सा है. स्थानीय पार्षद के अनुसार वार्ड में लगभग 10-15,000 की आबादी है और यहां मतदाताओं की संख्या भी 13,000 के आसपास है. घनी आबादी वाले इस क्षेत्र में हिंदु तथा मुस्लिम दोनों की ही आबादी का रहवास है तथा यहां सभी मिलजुल कर भाईचारे के साथ रहते हैं.
जहांगीराबाद वार्ड में
स्थानीय पार्षद के तौर पर समाजवादी पार्टी से वीरेंद्र कुमार भारती कार्य कर रहे
हैं और क्षेत्रीय विकास कार्यों में अपनी भूमिका निभा रहे रहे हैं. मिश्रित आबादी
वाला यह वार्ड बहुत व्यापक क्षेत्र में फैला हुआ है, और यह बहुत सारे मोहल्लों में भी विभाजित है.
प्रयागराज के वार्ड जहांगीराबाद में स्थित काली माता का मंदिर बेहद प्राचीन है. यह वार्ड अपने मन्दिरों, आश्रमों के लिए विशेषत: विख्यात है. वार्ड में मौजूद यह मंदिर लोगों के मध्य काफी प्रसिद्ध है. जिसके कारण दूर-दूर से श्रृद्धालुगण यहां आते हैं.
वार्ड में यदि शिक्षा सुविधा
की बात की जाए तो यहां सरकारी स्कूल की सुविधा नही है, साथ ही प्राइमरी स्कूल, इंटर कॉलेज भी वार्ड में नही है.
इसके अतिरिक्त वार्ड में कुछ प्राइवेट स्कूल हैं. स्थानीय पार्षद के अनुसार शिक्षा
सुविधा वार्ड में अच्छी नही है.
वार्ड में स्वास्थ्य सुविधा के लिए कोई सरकारी व प्राइवेट अस्पताल नही है. वार्ड से सटे कुछ हॉस्पिटल हैं, जिनमें लोगों को इलाज के लिए जाना पड़ता है. इसके अलावा आंगनवाड़ी की सुविधा है परन्तु उनमें दवाइयां उपलब्ध नही हो पाती बस बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स पिलाने के लिए महिलाएं आ जाती हैं.
स्थानीय पार्षद के अनुसार उनके वार्ड में सबसे बड़ी समस्या नाली की व्यवस्था न होना हैं. जिसके कारण नालियों का पानी सडकों पर जमा होता रहता है.
References:
http://allahabadmc.gov.in/documentslist/Mohalla-ward-list.pdf