वाराणसी को पूर्व में बनारस
के नाम से जाना जाता था तथा आज भी इसे भारत की धार्मिक राजधानी कहा जाता है. हिंदु
धर्म में यह स्थान बेहद लोकप्रिय है. पवित्र नगरी वाराणसी में दो नदियों अथार्त
वरुणा और असी का संगम होता है, यानि वह स्थान जहां
ये दोनों नदियां आकर मिलती है. इसी पवित्र वरुणा
नदी के किनारे बसा है, हुकुलगंज वार्ड. वाराणसी के वरुणापार जोन में स्थित सिकरौल
सबजोन के अंतर्गत आने वाला हुकुलगंज वार्ड तकरीबन 10.25 वर्ग किलोमीटर के दायरे
में फैला हुआ है. हुकुलगंज वार्ड कुछ समय पूर्व 8-9 मौहल्लों को मिलाकर एक वार्ड
था, जिसे आबादी बढ़ने के कारण एक वार्ड बना दिया
गया है.
मिश्रित आबादी वाले इस वार्ड में जनगणना के अनुसार लगभग 30-35,000 की आबादी का निवास स्थान है और यहां कुल 18,000 मतदाता हैं. यहां आबादी का कुछ भाग शिक्षित है तो कुछ अशिक्षित, साथ ही जनसंख्या का 60% भाग गरीब वर्गों का है. यदि आय के साधन की बात की जाए तो हुकुलगंज वार्ड में नौकरीपेशा लोगों की भी जनसंख्या है और दिहाड़ी मजदूरी कर अपना जीवनयापन करने वालो का भी यहां रहवास है.
इस वार्ड में पार्षद के तौर भारतीय जनता पार्टी से बृजेश चंद्र श्रीवास्तव कार्यरत हैं तथा वह वर्ष 2017 से जनप्रतिनिधि के रूप में क्षेत्रीय विकास कार्यों में संलग्न हैं. वार्ड में सामान्य कॉलोनियां, सोसाइटी क्षेत्र व मलिन बस्तियां भी मौजूद हैं इसीलिए वार्ड में जीविका के साधन भी मिश्रित ही हैं.
जनता की मौलिक सुविधाओं के दृष्टिकोण से देखा जाए तो इस वार्ड में शिक्षा सुविधा के रूप में सरकारी स्कूल की सुविधा नही है. इसके अतिरिक्त वार्ड में प्राइवेट स्कूलों की काफी संख्या है. जिनमें ऑक्सफ़ोर्ड स्ट्रीट कान्वेंट स्कूल, दीप्ती कान्वेंट स्कूल इत्यादि विद्यालय सम्मिलित हैं. इस लिहाज़ से देखा जाए तो शिक्षा का स्तर वार्ड में बेहतर है.
स्वास्थ्य सुविधाओं के रूप में यहां छोटे-छोटे नर्सिंग होम की सुविधा है महिलाओं के लिए और वार्ड के नजदीक ही जिला अस्पताल भी है. जहां प्रत्येक वर्ग के लोगों को अच्छी चिकित्सा सुविधा मुहैया करायी जाती है. इसके अतिरिक्त एक स्वास्थ्य केंद्र भी वार्ड के पास मौजूद है, जहां चिकित्सा कैंप भी लगाएं जाते हैं.
इसके अतिरिक्त यदि धार्मिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो वार्ड में प्राचीन दुर्गा माता का मंदिर भी मौजूद है, जहां नवरात्रि के समय भक्तों की काफी भीड़ देखी जाती है. इसके अतिरिक्त कुछ छोटे-छोटे मंदिर भी वार्ड में मौजूद हैं, जो जनता की धार्मिक भावनाओं के लिए अच्छे विकल्प के रूप में माने जाते हैं.
वार्ड की प्रमुख समस्याओं की बात की जाए तो स्थानीय पार्षद के अनुसार वार्ड में जलनिकासी की समस्या बेहद गंभीर है. साथ ही सफाई को लेकर लोग जागरूक नही है, तो स्वच्छता का अभाव वार्ड में देखा जा सकता है.