प्रयागराज को आरंभ से ही प्रयाग
के नाम से जाना जाता था, जिसमें प्र
अथार्त बहुत विशाल और याग यानि यज्ञ जिसका पूर्ण अर्थ प्रयाग है. हिंदुग्रंथानुसार
सम्पूर्ण पृथ्वी पर भगवान ब्रह्मा जी ने प्रयागराज को ही यज्ञ के लिए चुना था. यह
स्थल तीर्थों में सबसे बड़ा तीर्थ है परन्तु मुस्लिम शासक अकबर ने इसका नाम बदलकर इलाहाबाद
रख दिया और इसे अल्लाह के शहर कहा जाने लगा. इस समय उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इसे
पुनः इसके प्राचीन नाम प्रयागराज के नाम में परिवर्तित कर दिया गया है.
तो आज चलते है, संगम स्थल प्रयागराज के हरवारा वार्ड में, जो वर्तमान में प्रयागराज नगर निगम का हिस्सा है. स्थानीय पार्षद के अनुसार वार्ड में लगभग 17,000 की आबादी है और यहां 70% दलित समाज की आबादी है.
हरवारा वार्ड प्रमुखत: प्रयागराज
नगर निगम में पिछड़े वार्डों में से एक है, जहां आज भी बहुत सी बहुत
से इलाकों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव देखा जा सकता है. स्थानीय पार्षद के अनुसार
इस वार्ड में मजदूर वर्ग व लेबर की संख्या काफी अधिक है और यहां अन्य वार्डों की
अपेक्षाकृत अधिक विकास नहीं है. विशेष रूप से शिक्षा की दृष्टि से यह वार्ड काफी
बेहतर है और यहां अच्छे नगर निगम के प्राथमिक विद्यालय के साथ-साथ प्राइवेट स्कूल
भी काफी संख्या में है. इसके साथ ही स्थानीय निवासियों के अनुसार यहां कुछ इलाकों
में जलभराव की समस्या है.
इस वार्ड में स्थानीय पार्षद के तौर पर भारतीय जनता पार्टी से दीपक कुशवाहा कार्य कर रहे हैं और स्थानीय विकास कार्यों में अपनी भूमिका का वहन कर रहे हैं. पिछड़ा क्षेत्र होने के कारण यह वार्ड बहुत ज्यादा विस्तृत नहीं है.
वार्ड में यदि शिक्षा सुविधा की बात की जाए तो यहां नगर महापालिका का एक विद्यालय है. जो काफी बेहतर स्थिति में है. इसके अतिरिक्त वार्ड में प्राइवेट स्कूल भी काफी संख्या में है और वहां शिक्षा सुविधा भी बहुत अच्छी है. जिनमें बाल मित्रा स्कूल व पुलिस मॉडर्न स्कूल इत्यादि स्कूल सम्मिलित हैं, तो यह कहा जा सकता है कि अन्य वार्डों की अपेक्षा यह वार्ड शिक्षा के क्षेत्र में काफी बेहतर है.
वार्ड में स्वास्थ्य सुविधा के लिए कोई सरकारी अस्पताल नही है. इसके अतिरिक्त हरवारा वार्ड में चिकित्सकीय सुविधा के लिए प्राइवेट क्लिनिक मौजूद है. जिनमें डी.आर.एस हॉस्पिटल जैसे हॉस्पिटल शामिल हैं. यदि वार्ड के लोगों को बेहतर इलाज के लिए जाना होता है तो वह कॉल्विन जैसे बड़े अस्पतालों में जाते हैं.
पार्षद के अनुसार यदि वार्ड की प्रमुख समस्याओं पर गौर किया जाए तो 75% दलित क्षेत्र होने के चलते यहां बहुत सी मूलभूत समस्याएं हैं, जिन पर कार्य नही हुआ है. उनका कहना है कि क्षेत्र की मुख्य समस्या कुछ इलाकों में सीवर व सड़कों की है. क्षेत्र में कई जगह सीवर नहीं पड़े हैं और जहां सीवर है वहां कनेक्शन में दिक्कतें हैं.
References:
http://allahabadmc.gov.in/documentslist/Mohalla-ward-list.pdf