हिंदु आबादी की बाहुल्य
वाले गुरुग्राम को प्राचीन काल में अहीर साम्राज्य का हिस्सा माना जाता था. साथ ही
इसे शिक्षकों के स्थल की भी संज्ञा दी गया है. क्योंकि यह गांव कौरवों और पांडवों
के शिक्षक गुरु द्रौणाचार्य का भी निवास स्थान था. अकबर के शासनकाल के दौरान गुडगाँव,
दिल्ली और आगरा के क्षेत्रों में आता था. बदलते
समय के साथ मुग़ल साम्राज्य शक्तियों के बीच दरार पड़ने लगी और सुरजी अरजगांव के
संधि के तहत इसका अधिकतर हिस्सा ब्रिटिश हुकूमत के पास चला गया.
1861 में जिले का
पुनर्गठन पांच तहसीलों में किया गया, जिसमें गुडगाँव, फिरोजपुर झिरका,
नूह, पलवल और रेवारी शामिल रहे और गुडगाँव शहर तहसील के नियंत्रण में आ गया तथा
गुडगाँव आजाद भारत का भाग बन गया. हरियाणा राज्य के निर्माण के चलते यह इसी राज्य
में शामिल हो गया.
गुरु द्रौणाचार्य का
निवास स्थान होने के कारण प्राचीन समय में इस स्थल को राजकुमारों की शिक्षा का स्थान
माना जाता था, इसी कारण काफी
वर्षों से इसके नाम को बदलने की तैयारी चल रही थी और हरियाणा सरकार द्वारा इसका
नाम अब परिवर्तित कर गुरुग्राम रखा गया है. औद्योगिक सिटी के रूप में प्रसिद्ध
गुडगाँव पूरी दुनिया में सूचना प्रौद्योगिकी व काफी मशहूर कंपनियों के केंद्र के
रूप में जाना जाता है.
तो चलिए बात करते हैं गुरुग्राम के वार्ड 6 का...लगभग 35,000-40,000 की आबादी वाले वार्ड-6 में स्थानीय पार्षद के रूप में अनूप सिंह कार्य कर रहे हैं और स्थानीय विकास कार्यों में अपनी भूमिका निभा रहे हैं. मिश्रित आबादी वाले इस क्षेत्र में अपना एन्क्लेव, अशोक विहार, अशोक विहार फेज-2 व पालम विहार जैसे इलाके शामिल हैं. यदि वार्ड की आबादी की बात की जाए तो वार्ड में पढ़ी-लिखी आबादी का रहवास है और यहां अधिकतर लोग नौकरीपेशा व व्यवसाय वाले हैं.
गुरुग्राम वार्ड 6 में यदि शिक्षा व्यवस्था की बात की जाए तो सरकारी स्कूल के साथ-साथ अच्छे-अच्छे प्राइवेट स्कूल भी हैं और साथ ही बच्चों के लिए प्ले-वे की भी सुविधा है.
यदि स्वास्थ्य सुविधाओं की बात की जाए, तो वार्ड में कुछ सरकारी अस्पताल भी हैं. साथ ही अनूप सिंह द्वारा समयानुसार चिकित्सा कैंप लगवाए जाते हैं. इसके साथ वार्ड में काफी संख्या में प्राइवेट हॉस्पिटल व क्लिनिक मौजूद हैं. साथ ही वार्ड से सटे भी काफी अच्छे अस्पताल हैं.
यदि वार्ड में परिवहन
व्यवस्था की बात की जाए तो सरकार द्वारा वर्तमान में क्षेत्र में सरकारी बसों की
सुविधा करा दी गयी है. जिससे लोगों के आवागमन के लिए सुविधा हो गयी. साथ ही यहां
मेट्रो का भी प्रस्ताव यहां जारी है. कार्य के जल्दी पूरा होने से आमजनों के
आने-जाने में और अधिक आसानी होगी.
स्थानीय पार्षद के अनुसार वार्ड 6 के अंतर्गत जमीनी स्तर पर जहां भी समस्याएं थी, जैसे सीवेज लाइन्स, सडक निर्माण, पार्कों का निर्माण, पेयजल सुविधा की व्यवस्था कराना. यह सब पार्षद अनूप सिंह द्वारा कराए जा चुके हैं, साथ ही अन्य भी विकास कार्य जारी है.