प्रयागराज को आरंभ से ही प्रयाग
के नाम से जाना जाता था, जिसमें प्र
अथार्त बहुत विशाल और याग यानि यज्ञ जिसका पूर्ण अर्थ प्रयाग है. हिंदुग्रंथानुसार
सम्पूर्ण पृथ्वी पर भगवान ब्रह्मा जी ने प्रयागराज को ही यज्ञ के लिए चुना था. यह
स्थल तीर्थों में सबसे बड़ा तीर्थ है परन्तु मुस्लिम शासक अकबर ने इसका नाम बदलकर इलाहाबाद
रख दिया और इसे अल्लाह के शहर कहा जाने लगा. इस समय उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इसे
पुनः इसके प्राचीन नाम प्रयागराज के नाम में परिवर्तित कर दिया गया है.
तो आज चलते है, पावन स्थली प्रयागराज के दरियाबाद-II वार्ड में,
जो वर्तमान में प्रयागराज नगर निगम का हिस्सा
है. स्थानीय पार्षद के अनुसार वार्ड में लगभग 18,000 की आबादी है और यहां मतदाताओं
की संख्या 9-10000 है. इतनी कम आबादी वाले इस क्षेत्र में मिलीजुली आबादी का निवास
है.
दरियाबाद-II वार्ड में स्थानीय पार्षद के तौर पर पूजा कक्कड़ कार्य कर रही हैं और उनके भाई नीरज टंडन पार्षद प्रतिनिधि के रूप में क्षेत्रीय विकास कार्यों में उनका सहयोग कर रहे हैं.
वार्ड में यदि शिक्षा सुविधा की बात की जाए तो यहां जूनियर हाई स्कूल के साथ-साथ शिवचरण कन्हैया लाल इंटर कॉलेज है अंतः यह कहा जा सकता है कि अन्य वार्डों की अपेक्षा यह वार्ड शिक्षा के क्षेत्र काफी बेहतर है.
वार्ड में स्वास्थ्य
सुविधा के लिए कोई सरकारी व प्राइवेट अस्पताल नही है. चिकित्सकीय सुविधा के लिए
क्षेत्र में प्राइवेट क्लिनिक मौजूद है. इसके अतिरिक्त वार्ड से सटा हुआ सरकारी
हॉस्पिटल है, जो चिकित्सा के लिहाज से
बेहतर विकल्प है.
पार्षद के अनुसार यदि वार्ड की प्रमुख समस्याओं पर गौर किया जाए तो उनके क्षेत्र में कोई खास समस्या नही है. जिसका कारण समय से समस्याओं का निवारण होना है.
References:
http://allahabadmc.gov.in/documentslist/Mohalla-ward-list.pdf