अवध के नवाब शुजाउद्दौला ने फैजाबाद को बेहद खूबसूरती के साथ बनाया था, कहा जाता है कि वैसे तो नवाब शुजाउद्दौला जब फैजाबाद की सरजमीं पर आये थे, तो उनका उद्देश्य वहां बसना नहीं था, पर यहां की आबोहवा उन्हें इस कदर रास आई कि उन्होंने 1753 से 1775 तक न केवल यहां एकछत्र शासन किया बल्कि एक से बढ़कर एक इमारतों, मकबरों, बागों और मंडियों का निर्माण कराकर फैजाबाद को एक नया स्वरुप भी दिया. उन्होंने दरबार-ए-खास, रानीवास और दरबार-ए-आम का निर्माण कराया, जिन्हें आज क्रमशः अफीम कोठी, मोतीमहल और गुलाबबाड़ी के नाम से जाना जाता है. वहीँ व्यापार के उद्देश्य से बनाये गए चौक, दालमंडी जैसे स्थानों के तो अलग ही नज़ारे थे, यहां की रौनक और चहल पहल कुछ अलग ही हुआ करती थी.
(गुलाबबाड़ी, फैजाबाद)
तो आज आपको लेकर चलते हैं, नवाबों के शहर फैजाबाद के दालमंडी वार्ड में, जो वर्तमान में अयोध्या नगर निगम का हिस्सा है. वर्ष 2017 से पहले यह वार्ड फैजाबाद नगर पालिका के अधिकार क्षेत्र में शामिल था, लेकिन योगी सरकार के प्रदेश में आने के बाद फैजाबाद और अयोध्या नगर पालिका को जोड़कर अयोध्या नगर निगम का निर्माण किया गया, जिसमें तकरीबन तीन लाख की आबादी वाले 50 वार्ड को 60 नए वार्ड में विभाजित का दिया गया. इस तरह कभी फैजाबाद नगर परिषद् के 29 वार्ड में से एक दालमंडी वार्ड भी आज अयोध्या नगर निगम का हिस्सा है.
लगभग 7-8,000 की आबादी वाले दालमंडी वार्ड में स्थानीय पार्षद के तौर पर समाजवादी पार्टी से मोहम्मद इरशाद इदरिसी कार्य कर रहे हैं. स्थानीय पार्षद के अनुसार वर्ष 2017 में मतदाताओं की संख्या यहां 3200 थी. हिन्दू-मुस्लिमों की मिलीजुली आबादी वाला यह वार्ड अधिक बड़ा नहीं है, बल्कि छोटे छोटे मोहल्लों में विभाजित है. इस इलाके में मुरावन टोला, गणेश नगर, मकबरा आंशिक, दालमंडी आदि मोहल्लें शामिल हैं. वहीं यहां स्थित रामनगर क्षेत्र में सिंधियों की संख्या अधिक है. यहां शिक्षित जनसंख्या भी अधिक नहीं है और जीविका के साधन भी यहां मिश्रित हैं.
(मकबरा, फैजाबाद)
वार्ड में यदि शिक्षा व्यवस्था की बात की जाये तो यहां एक इंटर कॉलेज है. शिक्षा सुविधा के रूप में वार्ड में अरबिया पब्लिक स्कूल, बचपन प्ले स्कूल आदि प्राइवेट स्कूल उपस्थित हैं. पार्षद के अनुसार इस वार्ड में कोई प्राइमरी विद्यालय नहीं है. वार्ड में स्वास्थ्य सुविधा के लिए कुछ प्राइवेट क्लिनिक्स मौजूद हैं और अन्य अस्पताल वार्ड से सटे हुए हैं. इसके साथ ही जिला अस्पताल वार्ड से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है, जहां निर्धन वर्ग को बेहतर चिकित्सा व्यवस्था मुहैया हो जाती है.
वार्ड की प्रमुख समस्याओं की बात की जाये तो पार्षद मो. इरशाद के अनुसार उनका वार्ड हाईवे से सटा हुआ है और अत्याधिक बड़ा नहीं है, इसलिए यहां सड़कों का कार्य तो चलता ही रहता है. पूर्व में पार्षदों के द्वारा यहां विकास कार्यों में पक्षपाती रवैया अपनाया जाता था, जिसके चलते विकास कार्यों में असमानता आ जाती थी. किन्तु मो. इरशाद का कहना है कि वर्तमान में वह विभिन्न स्थानीय मुद्दों जैसे मार्ग व्यवस्था, स्वच्छता, पेयजल आदि को लेकर विकास कार्य करा रहे हैं.
References:
http://nagarnigamayodhya.in/pages/hi/topmenu-hi/hi-about-us/hi-ward-mohallas