यमुना, गंगा व सरस्वती जैसी पवित्र नदियों के संगम पर स्थित पावन
नगरी प्रयागराज, जो पूरी दुनिया के तीर्थयात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करती है. इस
तीर्थस्थल को शुरू से ही प्रयागराज के नाम से जाना जाता रहा है, परन्तु मुस्लिम शासक अकबर ने सन 1583 में बदलकर इसे इलाहाबाद
का नाम दे दिया और अल्लाह का शहर अथार्त इलाहाबाद के नाम से इसे जाना जाने लगा.
परन्तु वर्तमान समय में सरकार द्वारा इसे पुनः प्राचीन नाम प्रयागराज के नाम में
परिवर्तित कर दिया गया है.
तो रुख करते हैं, प्रयागराज के सिविल लाइन प्रथम वार्ड का, जो वर्तमान में प्रयागराज नगर निगम का हिस्सा
है. स्थानीय पार्षद के अनुसार वार्ड में मतदाताओं की संख्या लगभग 17,500 है और यहां की आबादी भी 20-25,000 के आसपास है. मिश्रित आबादी वाले इस क्षेत्र में लोगों
के जीवनयापन के साधन भी मिश्रित ही हैं.
सिविल लाइन वार्ड में
स्थानीय पार्षद के तौर पर कांग्रेस पार्टी से सुशील कुमार कार्य कर रहे हैं और क्षेत्रीय
विकास कार्यों में अपनी भूमिका निभा रहे हैं. मिश्रित आबादी वाला यह क्षेत्र काफी व्यापक
स्तर पर फैला हुआ है. इस वार्ड की खासियत यह है कि इसे प्रयागराज के स्मार्ट
सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत शामिल किया गया है.
वार्ड में प्रमुख स्थल : हनुमान मंदिर व ऐतिहासिक चर्च
सिविल लाइन वार्ड प्राचीन हनुमान मंदिर के लिए काफी प्रसिद्ध है. दूर-दूर से लोग यहां हनुमान भगवान के दर्शन करने आते है. साथ ही यहां मंगलवार, शनिवार के साथ-साथ हनुमान जयंती के अवसर पर श्रद्दालुओं की मंदिर में काफी भीड़ देखी जाती है.
इसके अतिरिक्त काफी पुरानी आल सेंटस कैथेड्रल चर्च है. जो काफी वर्ष पूर्व बनी हुई है. यह भी इस वार्ड में बेहद ऐतिहासिक व दार्शनिक स्थल की श्रेणी में सम्मिलित है.
वार्ड में यदि शिक्षा सुविधा की बात की जाए तो क्षेत्र में कुछ प्राइवेट स्कूल मौजूद है. साथ ही कुछ प्राइमरी स्कूल भी वार्ड में है पर वह अधिकतर बंद है, जिसका कारण उनमें अध्यापकों का अभाव होना है. स्कूलों की स्थिति भी जर्जर है. इसी वजह से उनमें बच्चें भी पढ़ने नही जाते.
यदि वार्ड में स्वास्थ्य सुविधाओं की बात की जाएं तो प्राइवेट हॉस्पिटल के अतिरिक्त लोगों के पास कोई सरकारी अस्पताल की सुविधा नही है. क्षेत्र में प्रत्येक वर्ग के लोगों का निवास है. इस लिहाज से गरीब व असहाय लोगों के लिए निःशुल्क इलाज व दवाइयों की व्यवस्था नही है.
क्षेत्रीय समस्याओं में सुशील
कुमार सबसे बड़ी समस्या पेयजल व सीवर की उचित व्यवस्था न होना मानते हैं. उनके
अनुसार पेयजल की व्यवस्था सुचारू होना सबसे जरूरी होता है. वह इन समस्याओं से आमजन
को निदान दिलाने के लिए प्रयासरत है.
References:
http://allahabadmc.gov.in/documentslist/Mohalla-ward-list.pdf