वार्ड 101, चौक सर्राफा कानपुर जिले के अंतर्गत आने वाले बेहद पुराने इलाकों में से एक है. जिसमें पार्षद के तौर पर वर्ष 2012 से समाजवादी पार्टी के अनुभवी नेता अभिषेक गुप्ता कार्यरत हैं. पार्षद जी के अनुसार वार्ड में तकरीबन 30,000 की आबादी का रहवास है तथा तकरीबन 18,000 मतदाता हैं. वार्ड में दूसरे क्षेत्रों से आकर व्यापार करने वालों की तादाद भी अच्छी खासी है.
लगभग
50 प्रतिशत हिंदू एवं 50 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाले चौक सर्राफा वार्ड के अंतर्गत
जीविका का प्रमुख साधन व्यापार एवं दुकानें हैं. कानपुर का यह क्षेत्र दुकानों एवं
बाजारों के लिए विशेष तौर पर जाना जाता है, कानपुर की प्रसिद्ध चूड़ी मार्केट, शिवाला
बाजार, लोहा बाजार, कपड़ा बाजार, जनरलगंज इत्यादि यहीं मौजूद हैं.
यदि क्षेत्र के इतिहास की बात की जाये तो यह मुख्यत: क्रांतिकारियों का क्षेत्र रहा है. जाने माने क्रांतिकारी गणेश शंकर विद्यार्थी भी इसी वार्ड के आस पास ही रहा करते थे. देश को स्वतंत्रता मिलने के पश्चात 15 अगस्त, 1947 को सबसे पहले यहीं मेस्टन रोड पर रात को 12 बजे तिरंगा फ़हराया गया था.
इस वार्ड की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि चौक सर्राफा बाजार शहर का जाना माना व्यापारिक इलाका हैं, जहां बड़े शोरूम्स से लेकर छोटी छोटी दुकानें तक मौजूद हैं. साथ ही धार्मिक रूप से भी यह क्षेत्र बेहद आगे है, यहां लगभग हर 10-12 मकानों के मध्य एक मंदिर है. यहां मौजूद मंदिरों में शिवाला मंदिर, फूलमती मंदिर, कैलाश मंदिर प्रमुख हैं, तो वहीं राम-सीता एवं कृष्ण भगवान के छोटे-छोटे मंदिर वार्ड में बहुतायत स्थित हैं. इस वार्ड में मेस्टन रोड स्थित बड़ी मस्जिद, नई सड़क स्थित रंगियां मस्जिद एवं तकी मस्जिद मुख्य तौर पर मौजूद हैं. मंदिरों और मस्जिदों की समान उपस्थिति दर्शाती है कि वार्ड में आज भी धार्मिक सौहार्द कायम है.
चौक
सर्राफा वार्ड में सरकारी विद्यालय तो नहीं हैं किन्तु बहुत से प्राइवेट स्कूल उपस्थित
हैं, जो अच्छी शिक्षा के विकल्प हैं. यदि स्वास्थ्य सुविधाओं की बात की जाये, तो
वार्ड में दो सरकारी अस्पताल एवं 3 से 4 प्राइवेट नर्सिंग होम मौजूद हैं.
स्थानीय पार्षद अभिषेक गुप्ता के अनुसार बेहद पुराना वार्ड होने के कारण यहां ढांचागत सुविधाएं जैसे पाइपलाइन, निकासी व्यवस्था इत्यादि का नवीनीकरण कराने में बहुत से समस्याएं पेश आती हैं, साथ ही व्यवसायिक क्षेत्र होने के चलते यह काफी भीड़भाड़ वाला इलाका भी है, जिसके कारण जाम की समस्या काफी अधिक है. क्षेत्र में सबसे प्रमुख समस्या सीवर लाइन और पुरानी पानी की लाइन की है, जिसके कारण क्षेत्र का विकास बाधित हो रहा है.
पार्षद अभिषेक गुप्ता के अनुसार क्षेत्र में पेयजल की भी समस्या काफी है. जिसका कारण बढ़ती आबादी का स्तर है. उनके अनुसार क्षेत्र की आबादी पहले काफी कम थी, उसी लिहाज़ से पानी की व्यवस्था भी थी. परन्तु अब क्षेत्र में निरंतर बढ़ती आबादी के साथ पेयजल की समस्या भी उत्पन्न होने लगी. साथ ही वार्ड में सफाई कर्मचारियों की भी संख्या पहले की तुलना में काफी कम है, नतीजतन स्वच्छता के लिहाज से वार्ड पीछे रह जाता है.