मंदिरों की नगरी वाराणसी,
जिसे भारत की धार्मिक राजधानी भी कहा जाता है. यहां अत्यधिक संख्या में मंदिर
स्थित हैं. वाराणसी को इससे पहले बनारस के नाम से भी जाना जाता था. हिंदु धर्म में
यह स्थान बेहद लोकप्रिय है. पवित्र नगरी वाराणसी में दो नदियों अथार्त वरुणा और
असी का संगम होता है, यानि वह स्थान जहां
ये दोनों नदियां आकर मिलती है. इसी पवित्र वरुणा
नदी के किनारे बसा है बिरदोपुर वार्ड. वाराणसी के भेलूपुर जोन में स्थित नगवा मंडल
के अंतर्गत आने वाला बिरदोपुर वार्ड तकरीबन 0.388 वर्ग किलोमीटर के दायरे
में फैला हुआ है.
मिश्रित आबादी वाले इस
वार्ड में स्थानीय पार्षद के अनुसार लगभग 11,478 की आबादी का निवास स्थान है. इस वार्ड में आने वाले प्रमुख
आवासीय क्षेत्रों में आदि शंकराचार्य नगर कॉलोनी, महेंद्रापुरम
कॉलोनी, प्रकाशपुरी कॉलोनी, सरजुनगर कॉलोनी, बटुकधाम कॉलोनी, निराला निवेश
कॉलोनी, गिरिनगर कॉलोनी इत्यादि आते हैं. साथ ही यहां बिरदोपुर बस्ती जैसी मलिन
बस्ती क्षेत्र भी शामिल है.
इस वार्ड में पार्षद के
तौर पर शीला जी कार्यरत हैं तथा वह वर्ष 2017 से जनप्रतिनिधि के रूप में स्थानीय विकास कार्यों में
संलग्न हैं. सामान्य
कॉलोनियां, सोसाइटी क्षेत्र और मलिन बस्ती क्षेत्र होने के कारण वार्ड में जीविका
के साधन भी मिश्रित ही हैं. अथार्त यहां व्यापारी वर्ग, छोटे लघु-कुटीर उद्योगों से जुड़ी जनता, व्यापार में संलग्न लोगों के साथ साथ मजदूरों
और नौकरीपेशा जनता का भी निवास स्थान है.
जनता की मौलिक सुविधाओं के दृष्टिकोण से देखा जाए तो इस वार्ड में शिक्षा सुविधा के रूप में रुक्मणी विद्यालय, भारतीय विद्यालय, चिल्ड्रन एकेडेमी, बी.के.एम इंटर कॉलेज जैसे स्कूल व कॉलेज मौजूद हैं. स्वास्थ्य सुविधाओं के रूप में यहां छोटे प्राइवेट क्लीनिक के साथ-साथ कुछ सरकारी अस्पताल भी मौजूद हैं.
इसके अतिरिक्त यदि
धार्मिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो वार्ड में बैजनत्था मंदिर जैसे कुछ मंदिर भी
मौजूद है, जो जनता की धार्मिक भावनाओं के लिए अच्छे
विकल्प के रूप में माने जाते हैं. साथ ही जनता के टहलने के लिए अपना पार्क, एकता पार्क और आदि शंकराचार्य पार्क जैसे पार्क भी वार्ड
में मौजूद हैं.