प्रयागराज को आरंभ से ही प्रयाग
के नाम से जाना जाता था, जिसमें प्र
अथार्त बहुत विशाल और याग यानि यज्ञ जिसका पूर्ण अर्थ प्रयाग है. हिंदुग्रंथानुसार
सम्पूर्ण पृथ्वी पर भगवान ब्रह्मा जी ने प्रयागराज को ही यज्ञ के लिए चुना था. यह
स्थल तीर्थों में सबसे बड़ा तीर्थ है परन्तु मुस्लिम शासक अकबर ने इसका नाम बदलकर इलाहाबाद
रख दिया और इसे अल्लाह के शहर कहा जाने लगा. इस समय उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इसे
पुनः इसके प्राचीन नाम प्रयागराज के नाम में परिवर्तित कर दिया गया है.
तो आज चलते है, पावन स्थली प्रयागराज के बेनीगंज वार्ड में, जो वर्तमान में प्रयागराज नगर निगम का हिस्सा है. स्थानीय
पार्षद के अनुसार वार्ड में 50% शिक्षित व 50% अशिक्षित आबादी का निवास है और यहां
हिंदु-मुस्लिम के साथ-साथ मिश्रित आबादी रहवास है. बात की जाए क्षेत्र के लोगों के
जीवनयापन के साधनों की तो जिस प्रकार यहां की आबादी मिश्रित है, ठीक उसी तरह यहां आय के साधन भी मिश्रित ही हैं. यहां पर
आबादी का कुछ हिस्सा नौकरीपेशा है तो कुछ भाग अपने व्यवसाय में संलग्न है.
इसलिए प्रसिद्ध है यह वार्ड...
खूब लड़ी मर्दानी वह तो
झाँसी वाली रानी थी.. के बोल आज भी हर किसी को याद होंगे. इसी कविता की लेखिका
सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म प्रयागराज के निहालपुर गांव में हुआ था. यह वार्ड
उनके नाम से भी जाना जाता है. सुभद्रा कुमारी चौहान महात्मा गांधी जी के असहयोग
आन्दोलन में भाग लेने वाली प्रथम महिला थी, जिनमें देशभक्ति भावना
कूट-कूट कर भरी थी. वह एक रचनाकार होने के साथ-साथ स्वाधीनता संग्राम की महान
सेनानी के रूप में भी जानी जाती हैं.
इसके अतिरिक्त यहां काफी
प्राचीन काली माता का सिद्धपीठ मंदिर भी है, जहां दूर-दूर से
आने वाले भक्तो का ताँता लगा रहता है. स्थानीय पार्षद के अनुसार यह मंदिर 150 वर्ष
से भी प्राचीन है.
बेनीगंज वार्ड में
स्थानीय पार्षद के तौर पर भारतीय जनता पार्टी से सरस्वती देवी कार्य कर रही हैं और
उनके भाई राजेश पार्षद प्रतिनिधि के रूप में स्थानीय विकास कार्यों में अपनी
भूमिका का वहन कर रहे हैं.
वार्ड में यदि शिक्षा सुविधा
की बात की जाए तो यहां कॉलेज व माध्यमिक विद्यालय के साथ-साथ आंगनवाड़ी की भी
सुविधा है, तो यह कहा जा सकता है कि यह वार्ड शिक्षा के क्षेत्र में काफी बेहतर
है.
वार्ड में स्वास्थ्य सुविधा
के लिए कोई सरकारी व प्राइवेट अस्पताल नही है. परन्तु नगर निगम की ओर यहां
चिकित्सा कैंप लगाए जाते हैं और डफ़रिन व कॉल्विन जैसे बड़े अस्पताल भी वार्ड के
काफी नजदीक हैं. जहां आमजन को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया करायी जाती है.
पार्षद के अनुसार यदि
वार्ड की प्रमुख समस्याओं पर गौर किया जाए तो जल निकासी की उचित व्यवस्था न होना
क्षेत्र की मुख्य समस्या हैं, जिस पर काफी हद तक महापौर के सहयोग से कार्य
कराया जा चुका है. उनका कहना है कि बरसात के समय नाले से पानी की निकासी न होने के
कारण जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है.
Reference :
http://allahabadmc.gov.in/documentslist/Mohalla-ward-list.pdf