बंगालीटोला वार्ड, जिसे बंगाली समुदाय का गढ़ भी कहा जाता है, वाराणसी की
दशाश्वमेध जोन एवं सबजोन का प्रमुख दक्षिणतम भूभाग है. यहां की वेशभूषा, संस्कृति,
खान-पान सभी में बंगाल की झलक आसानी से देखी जा सकती है, यहां तक कि इस क्षेत्र
में आने के बाद आपको लगेगा जैसे बंगाल की ही किसी गली में भ्रमण कर रहे हों. यह
वार्ड क्षेत्रफल की दृष्टि से 0.650 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है.
बंगाली आबादी वाले इस वार्ड में वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 11-12,000 है.
इस वार्ड में आने वाले प्रमुख मोहल्लों में पाण्डेय हवेली, राणामहल गली, गोल्डन क्लब, साउथ क्लब, मानसरोवर गली इत्यादि सम्मिलित हैं. यहां पार्षद के तौर पर भारतीय जनता पार्टी से चंद्रनाथ मुखर्जी कार्यरत हैं, जो वर्ष 2017 से जन प्रतिनिधि के रूप में स्थानीय विकास कार्यों में संलग्न हैं. इस वार्ड में जीविका के साधन मिले जुले हैं, यानि यहां व्यापारी वर्ग, छोटे लघु-कुटीर उद्योगों से जुड़ी जनता, छोटे व्यापार में संलग्न लोगों के साथ साथ नौकरीपेशा जनता का भी निवास स्थान है, जिसमें सरकारी एवं प्राइवेट दोनों ही सेक्टर से जुड़े लोग सम्मिलित हैं.
वार्ड की विशेषता है यहां के ऐतिहासिक घाट
वैसे तो वाराणसी का दशाश्वमेध घाट अपने आप में ही बेहद प्राचीन है, किन्तु
दशाश्वमेध जोन में ही आपने वाला बंगाली टोला वार्ड भी अपने मन्दिरों, आश्रमों,
घाटों और मठों के लिए विशेषत: विख्यात है. आंध्रा आश्रम, राणामहल घाट, मानसरोवर
घाट, चौकी घाट, पाण्डेय घाट, भोला गिरी आश्रम इत्यादि यहां प्रसिद्द टूरिस्ट
स्पॉट्स के तौर पर देखे जाते हैं. साथ ही यहां मंदिरों की संख्या भी काफी अधिक है,
जिसके कारण दूर दूर से श्रृद्धालुगण यहां आते हैं. इस वार्ड के दुर्गा पूजा
पंडालों का भी अपना अलग ही महत्व है और दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान इस वार्ड की
रौनक देखते ही बनती है.
जनता की मौलिक सुविधाओं के तौर पर इस वार्ड में विद्यलय, अस्पताल, बैंक, एटीएम, पार्क, मार्केट इत्यादि की सुविधा है. शिक्षा सुविधा के रूप में यहां लर्निंग पॉइंट स्कूल और दिशा स्कूल उपस्थित हैं तो वहीँ वर्षों पुराना बंगाली टोला इंटर कॉलेज भी वार्ड से बेहद नजदीक है.
वार्ड की प्रमुख समस्याओं की बात की जाये तो स्थानीय पार्षद चन्द्रनाथ जी के अनुसार उनके क्षेत्र में दूषित पेयजल से संबंधित बहुत सी समस्याएं हैं. इसके अतिरिक्त सीवर से संबंधित समस्याएं भी अधिक है. सीवर की उचित व्यवस्था न होने से सड़कों पर जलभराव की समस्या उत्पन्न हो जाती है, जिसके कारण लोगों को पैदल आने-जाने में भी काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. वार्ड में आज भी काफी पुराणी 4 इंच की सीवर लाइन डाली हुई है. इन सभी समस्याओं पर पार्षद द्वारा विकास कार्य अनवरत रूप से जारी है.