वार्ड 55, बाबू बनारसी दास लखनऊ जिले के अंतर्गत आने वाला
एक मिश्रित आबादी वाला परिक्षेत्र है. जिसमें पार्षद के तौर पर वर्ष 2017 से हर्षित दीक्षित जी कार्यरत हैं. जनगणना 2011 के अनुसार इस वार्ड की आबादी लगभग 17-20,000 है तथा यहां की साक्षरता दर 78 फीसदी के लगभग है. जीविकापार्जन के तौर पर इस
वार्ड में छोटे छोटे व्यापारियों की संख्या अधिक है.
यदि वार्ड के परिसीमन की
बात की जाए तो हाता गनी खां, उदयगंज पार्क, शुतुर खाना, छितवापुर भुय्यन, के.के.सी./के.के.वी कॉलोनी, शुभम नगर, पुराना किला, हैदर कैनाल, के.के.सी.के, बगल नाला किनारा, सिंचाई भवन के बगल का
नाला, कैनाल कालोनी, सिंचाई भवन, हैदर कैनाल, शिव मन्दिर से नाले का किनारा, गढ़ैया जौहर मेहतर, बाग आइना बीबी, हाता ख्वाजा गौहर, तिलपुरवा, ए.पी. सेन रोड़, गौतम बुद्ध मार्ग (आंशिक)
की उत्तरी पटरी ये सभी इलाके बाबू बनारसी दास वार्ड के अंतर्गत शामिल हैं.
बाबू बनारसी दास की
सीमाएं उत्तर में पुराना किला क्रासिंग से कैन्ट रोड़ होते हुए उदयगंज चौराहे से
माता सुग्गा देवी मार्ग से बाग आइना बीबी बाग से होते हुए राम मंदिर लेन से तार
वाली गली से विधानसभा मार्ग तक का दक्षिणी भाग तक, दक्षिण में चारबाग तिराहे से
ए.पीसेन रोड़ तक गौतम बुद्ध मार्ग का उत्तरी भाग, पूर्व में पूर्व में
कैन्ट रोड़ पुराना किला क्रासिंग से रेलवे लाइन किनारे होते हुए छत्ता पुल से
दीनदयाल उपाध्याय तिराहे से स्टेशन रोड़ से चारबाग तिराहे पर गुप्ता पेट्रोल पम्प
तक का पश्चिमी भाग तक तथा पश्चिम में गौतमबुद्ध मार्ग ए.पीसेन रोड़ होते हुए स्टेशन
तक दोनों पटरी एवं स्टेशन रोड से राणा प्रताप चौराहे की मस्जिद के मुख्य मार्ग से
पीछे के पूर्वी भाग तक फैली हुई हैं.
बाबू बनारसी दास वार्ड
में कुछ संख्या में प्राइवेट स्कूल, सरकारी स्कूल व कोचिंग सेंटर भी मौजूद हैं. जिनमें
बाबू बनारसी दास विद्यालय इत्यादि शामिल हैं. यदि डिग्री कॉलेज की बात की जाए तो
इस वार्ड में डिग्री कॉलेज भी मौजूद है. स्वास्थ्य सुविधाओं के दृष्टिकोण से वार्ड
में कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल व नर्सिंग होम भी मौजूद हैं.
स्थानीय सुविधाओं के तौर
पर वार्ड में पार्क व मार्केटस भी मौजूद हैं, जो क्षेत्रीय जनता के
टहलने एवं खरीददारी के लिए अच्छे विकल्प हैं. जनता की धार्मिक भावनाओं को पोषित
करने के उद्देश्य से वार्ड में शिव मंदिर, दुर्गा मंदिर इत्यादि जैसे मंदिर भी मौजूद
हैं.
पार्षद जी के अनुसार
क्षेत्र का सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा अनेकों वर्षों से बदहाल पड़ी सीवर व्यवस्था को
दुरुस्त करवाना है. इसके अतिरिक्त मार्ग प्रकाश व्यवस्था उचित नहीं हो पाने से
असामाजिक तत्वों को अनैतिक कार्य करने का अवसर मिल जाता है, इस पर भी कार्य करना है. जिससे आमजन की सुरक्षा हो सके.