नगरीय क्षेत्र अयोध्या
नगर निगम के अंतर्गत समाहित है, जिसे प्राचीन समय में साकेत, कौशल देश अथवा कौशलपुरी के नाम से जाना जाता
था. अयोध्या को प्रभु श्री राम की पावन जन्मस्थली के रूप में भी देखा जाता है. यह मोक्षदायिनी
अयोध्या नगरी पौराणिक समय में कौशल राज्य की राजधानी एवं प्रसिद्ध महाकाव्य रामायण
की पृष्ठभूमि का केंद्र थी और आज भी प्रभु श्री राम की जन्मस्थली होने के कारण
अयोध्या को हिन्दुओं की प्रमुख तीर्थस्थली एवं सप्तपुरियों में से एक माना जाता
है.
तो बात करते हैं इसी अयोध्या नगरी के एक वार्ड, अंगूरीबाग वार्ड की...जो वर्ष 2017 से पहले फैजाबाद जिले के अंतर्गत आता था, लेकिन योगी सरकार के प्रदेश में आने के बाद फैजाबाद और अयोध्या नगर पालिका को जोड़कर अयोध्या नगर निगम का निर्माण किया गया, जिसमें तकरीबन तीन लाख की आबादी वाले 50 वार्ड को 60 नए वार्ड में विभाजित का दिया गया. इस तरह कभी फैजाबाद नगर परिषद् के 29 वार्ड में से एक अंगूरीबाग वार्ड भी अयोध्या नगर निगम का हिस्सा बन गया.
लगभग 7,000-8,000 की आबादी वाले अंगूरीबाग वार्ड में स्थानीय
पार्षद के पद पर गरिमा कार्यरत हैं और उनके पति किशन मौर्या पार्षद प्रतिनिधि के
रूप में स्थानीय कार्यों में उन्हें सहयोग दें रहें हैं. पार्षद प्रतिनिधि के
अनुसार वर्ष 2017 में मतदाताओं की
संख्या 5,000 थी. मिश्रित आबादी वाले
इस क्षेत्र में तेलीटोला, नहरबाग आंशिक, रिकाबगंज आंशिक और नियावा जैसे मौहल्ले शामिल हैं.
बात की जाए क्षेत्र में शिक्षा
व्यवस्था की तो अंगूरीबाग वार्ड में आने वाले विद्यालयों में एक प्राथमिक विद्यालय
हैं, साथ ही क्रेवियन जैसे प्रसिद्ध प्राइवेट स्कूल
भी वार्ड में मौजूद हैं. इसके अतिरिक्त वार्ड में हुकुम चंद्र विद्यालय और साथ ही
एक इंटर कॉलेज भी क्षेत्र में मौजूद है. जो छात्रों के लिए बेहतर शिक्षा विकल्प हैं.
देखा जाए तो शिक्षा के लिहाज से वार्ड बेहतर है.
स्वास्थ्य सुविधा के रूप
में कुछ प्राइवेट क्लीनिक ही क्षेत्र में मौजूद है. सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था
वार्ड में नही है, परन्तु कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर सामुदायिक केंद्र है, जहां
बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाती है. राजश्री हॉस्पिटल भी वार्ड में मौजूद
है.
अपने क्षेत्र की समस्याओं
में पार्षद प्रतिनिधि के अनुसार जलभराव की समस्या वार्ड की सबसे बड़ी समस्या है. जिसका
कारण पास में बहता नाला है, यह समस्या बरसात के समय और भी विकट हो जाती है
क्योंकि आगे जाकर नाले का आकार छोटा हो जाता है.
References:
1. http://nagarnigamayodhya.in/pages/hi/topmenu-hi/hi-about-us/hi-ward-mohallas