छह राजस्व प्रभागों
सफीपुर, उन्नाव, हसनगंज, पुरवा, बीघापुर, बांगरमऊ में विभाजित उन्नाव
16 ब्लाक और 32 वार्ड में विभाजित है.132 वर्ष प्राचीन उन्नाव
जिले के नगर पालिका इतिहास में वर्ष 1953 में प्रथम बार संपन्न हुए नगर पालिका
चुनाव में लगभग 64 साल के अंतराल में नगर पालिका का विस्तार छह बार हो चुका है.
तक़रीबन 16 हजार मतदाताओं के साथ 11 वार्डो से शुरू हुई, इस चुनाव प्रक्रिया में
मतदाताओं की संख्या लाखों तक पहुंच गई और धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ती ही जा रही
है.
इन्हीं 32 वार्डों में से एक वार्ड है एबी वार्ड, जो मुख्यतः सघन आबादी वाला वार्ड माना जाता है. चूंकि यहां मिश्रित आबादी का रहवास है तो जाहिर सी बात है कि यहां के निवासियों के जीवकोपार्जन का साधन भी मिश्रित ही होगा. यानि यहां नौकरीपेशा व व्यवसाय में संलग्न दोनों ही तरह की आबादी निवास करती है परन्तु अधिकतर आबादी यहां छोटे-छोटे व्यापारियों की ही है. सभासद के तौर पर यहां श्री अमित सिंह कार्यरत हैं, जो सभासद के रूप में क्षेत्रीय विकास की जिम्मेदारी निभा रहें हैं.
वार्ड में यदि मौलिक सुविधाओं की बात की जाए तो यहां स्वस्थ्य सुविधा के रूप में कुछ संख्या में प्राइवेट क्लिनिक्स यहां मौजूद है. इसके अतिरिक्त वार्ड बहुत प्राचीन हनुमान गढ़ी मंदिर भी मौजूद है, जो श्रद्धालुओं के मध्य काफी प्रसिद्ध है.
साथ ही शिक्षा सुविधा के रूप में वार्ड में काफी संख्या में प्राइवेट स्कूल मौजूद हैं. जहां बच्चों को अच्छी शिक्षा सुविधा प्रदान की जाती है. जिनमें आदर्श विद्या मंदिर स्कूल, जो कि क्षेत्र के गीता पुरम इलाके में मौजूद है.
इसके अतिरिक्त गीता पुरम इलाके में ही न्यू एरा स्कूल भी मौजूद है. अतः यह कहा जा सकता है कि शिक्षा के हिसाब से यह वार्ड विकसित है. यहां प्राइवेट स्कूल के साथ-साथ वार्ड से सटे सरकारी स्कूल व इंटर कॉलेज भी मौजूद है जो शिक्षा के बेहतर विकल्प के रूप में माने जाते हैं.
वार्ड की समस्याओं पर स्थानीय सभासद अमित सिंह के अनुसार वह विभिन्न मुद्दों पर क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं, जिसके चलते विकास कार्यों की गति अवरुद्ध नहीं होती है. वार्ड में एक प्रमुख समस्या ड्रेनेज की है जो अभी तक बनी हुई है, इसका प्रमुख कारण जिले में सीवर सिस्टम की व्यवस्था न होना है. जिसके चलते नालों से पानी नहीं निकल पाता. इस समस्या से सिर्फ उनका वार्ड ही नहीं बल्कि पूरा उन्नाव जिला ही जूझ रहा है.