श्री अमित शाह, जो भारतीय राजनीति का जाना पहचाना नाम हैं और भारतीय जनता पार्टी के सशक्त स्तंभ के रूप में संगठन को प्रगति पर ले जाने की बागडोर संभाले हुए हैं, वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के साथ साथ देश के माननीय गृहमंत्री के पद पर भी आसीन हैं. आइयें जानते हैं उनके आरंभिक और राजनीतिक जीवन के कुछ अहम पहलुओं को.
वर्ष 1964 में मुंबई के एक संपन्न गुजराती परिवार में जन्में श्री अमित शाह का शुरूआती जीवन उनके पैत्रक गांव मान्सा, गुजरात में बीता है और शिक्षा के दौरान राष्ट्रभक्तों के जीवन से प्रेरित होकते हुए उनका रुझान भी राष्ट्र प्रगति की ओर रहा. राजनीति में उनका आगमन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विद्यार्थी शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से हुई थी और इसके उपरांत वर्ष 1984-85 में श्री शाह भारतीय जनता पार्टी के सदस्य मनोनीत हुए.
अहमदाबाद के नारायणपुर वार्ड में पोल एजेंट और फिर वार्ड सचिव का जिम्मा संभालते हुए पार्टी में उनके दायित्व और पद भी धीरे धीरे बढ़ते चले गए. उन्होंने अपनी संगठनात्मक क्षमताओं को प्रखर करने के उद्देश्य से जमीन से जुड़े मुद्दों पर ध्यान दिया और अहमदाबाद नगर प्रभारी के तौर पर उन्होंने राम जन्मभूमि आन्दोलन व एकता यात्रा के पक्ष में जनसंपर्क अभियान चलाया, जिसके चलते गुजरात में भाजपा के पक्ष में जन समर्थन काफी अधिक बढ़ा. वर्ष 1989 के लोकसभा चुनावों में श्री लाल कृष्ण आडवाणी के लिए चुनाव प्रबन्धक की भूमिका में श्री शाह ने अपनी काबिलियत का परिचय दिया.
वर्ष 1990 हालाँकि गुजरात की राजनीति के लिहाज से बेहद उथल-पुथल वाला रहा, लेकिन ऐसे में भी पार्टी राज्य में कांग्रेस के सामने सबसे प्रमुख विपक्षी दल के रूप मून सामने आई. श्री शाह ने अपने चुनावी कौशल का प्रदर्शन करते हुए पार्टी को गुजरात में एकजुट करने के प्रयास आरंभ किये और कार्यकर्ताओं को मजबूती से जोड़ते हुए भाजपा को पहली बार विजय दिलाई. भले ही गुजरात में भाजपा का यह विजय अभियान मात्र दो वर्ष (1995- 1997) ही रह पाया, किन्तु इस अल्पावधि में भी श्री शाह ने गुजरात प्रदेश वित्त निगम के अध्यक्ष के रूप में निगम का कायापलट कर दिया और उसे स्टॉक एक्सचेंज में भी सूचीबद्ध करवाने के महत्वपूर्ण कार्य को कराया.
केंद्र में भाजपा का आगमन और दुनिया की सबसे बड़े राजनीतिक दल की उपाधि
2014 में श्री शाह के समर्पण, परिश्रम और संगठनात्मक क्षमताओं को देखते हुए उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया गया. जिस पर उन्होंने लगातार कार्य करते हुए पार्टी के सदस्यता आधार का विस्तार किया और देश के लगभग हर राज्य को अपने विजय अभियान में जोड़ने का प्रयास किया. उनके इस अभियान का परिणाम था कि लगभग 10-11 करोड़ सदस्यों के साथ उन्होंने भाजपा को दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बना दिया. भाजपा को सशक्त करने के अपने संकल्प के साथ उन्होंने “महासंपर्क अभियान” चलाया, जिसका लक्ष्य नए बने सदस्यों को पार्टी की मुख्यधारा में लाकर उन्हें पार्टी के कार्यक्रमों में सक्रिय करना रहा है.
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