नाम : अभिषेक चौहान
पद : प्रदेश अध्यक्ष, छात्र राष्ट्रीय लोकदल (लखनऊ )
नवप्रवर्तक कोड : 71183013
परिचय :
अभिषेक चौहान एक राजनीतिक नवप्रवर्तक तथा सामाजिक सुधारक हैं. वह लखनऊ छात्र राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर कार्य कर रहे हैं. वर्ष 2008 से राजनीति के क्षेत्र में कार्य कर रहे अभिषेक छात्र राजनीति के प्रवक्ता एवं किसानों के हितों की पहल करने वाले नेता के रूप में लोकप्रिय हैं. राष्ट्रीय लोक दल से प्रभावित अभिषेक मानते है कि यह दल किसानों व छात्रों की असल समस्याओं को उठाता है तथा उनके अधिकारों को सुनिश्चित करता है.
छात्रों की अगुवाई
अभिषेक का मानना है कि आज देश में आर्थिक रूप से कमजोर छात्र शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं, छात्रों को शिक्षा सम्बंधी नियमों में विशेष छुट मिलनी चाहिए. उच्च शिक्षा प्राप्त छात्र ही देश के भविष्य को अलंकृत करते है, इसीलिए सरकार को चाहिए कि किसानों, सैनिकों, मजदूरों आदि के बच्चों को विद्या प्राप्त करने में सहायता मुहैया कराएं. छात्र राजनीति की कोख से निकलते वाले व्यक्ति देश की राजनीति को उचित प्रकार से संभल सकते हैं, क्योंकि वें संघर्ष के महत्व को समझतें हैं.
किसानों के लिए विचार
वर्तमान में देश के किसानों की हालत बदतर है, उनके लिए नीतियां तो है परन्तु उनका क्रियान्वन ठीक से नहीं हो पा रहा है. इन सबके कारण देश का किसान उन्नति नहीं कर पा रहा है. सरकार मुफ्त सिंचाई व खाद आदि की बात तो करती है लेकिन किसानों की असल जरूरतों को अनदेखा कर देती है. अभिषेक के अनुसार किसानों को आर्थिक सहायता नही मिल पाना भी उनके पिछड़ने का एक बड़ा कारण है. कृषि एवं पारिवारिक आवश्यकताओं के लिए कम ब्याज दर पर किसानों को लोन मिलना चाहिए.
राजनैतिक विचारधारा
अभिषेक के अनुसार आज देश में पैसों की राजनीति अपने चरम पर है. पहले राजनीति में विचारों, सिद्धांतों व विद्वत्ता पर जोर दिया जाता था, लोग देश हित के लिए राजनीति में सम्मिलित होते थे, परन्तु आज हालात पूरी तरह से बदल चुके हैं. अब जातिगत राजनीति के कारण देश वर्गवाद की राजनीति से घिरा हुआ है. जहां देश को जातिविहीन होकर आगे बढना चाहिए वहन देश सक्षम व दुर्बल वर्गों में बंट कर पिछड़ने पर विवश हो रहा है, इस स्थिति में बदलाव की आवश्यकता बनी हुई है.
राष्ट्रीय मुद्दों पर राय
अभिषेक कहते है कि देश में रोजगार, प्रति व्यक्ति आय, पेंशन सम्बंधी नियमों में बदलाव तथा युवा उधमियों को बढ़ावा दिया जाने सम्बंधी कानूनों में परिवर्तन होना चाहिए. देश में नौकरियों का सृजन नहीं हो पा रहा है, जिस कारण युवा बेरोजगार हो रहें हैं. सरकार को प्लेसमेंट सम्बंधी योजनाओं को बढ़ावा देना चाहिए जिससे रोजगार के उचित अवसरों में बढ़ोतरी हो सके. इसके साथ ही देश की प्रगति के लिए युवा उधमियों को भी आर्थिक लोन, इन्फ्रास्ट्रक्चर सम्बंधी लोच व सरलता प्राप्त होनी चाहिए . अभिषेक चाहते हैं कि देश में 2004 से जो पेंशन प्रावधान बदला गया है उसपर सरकार को रोक लगनी चाहिए ताकि रिटायर कर्मचारियों को निश्चिंतता प्राप्त हो सके.
वैश्विक पटल पर भारत
अभिषेक विदेशी सुरक्षा को अहम मुद्दा मानते है. उनके अनुसार कश्मीर, डोकलाम जैसे विवाद देश की कमजोर विदेशी नीति को रेखांकित करते है. पड़ोसी देशों से आपसी सम्बन्धो में पारदर्शिता का होना पहली जरूरत होनी चाहिए. यदि कोई भी विदेशी ताकत देश की अखंडता, एकता व संप्रभुता पर प्रभाव डालती है तो उसके लिए मिलकर विरोध करना चाहिए. इसके साथ ही शिक्षा का बाजारीकरण बंद होना आवश्यक है जिससे देश वैश्विक पटल पर प्रतिष्ठा को प्राप्त कर सके.