Economics

Economic policies of a nation shape its future and general prosperity of its people. But what works ? global or local, one big or hundred smaller, homogeneous or diverse and competing. What are the parameters of prosperity, what is growth? would global standards and parameters work locally? and to what extent?

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Latest on Economics

परसाई का मध्यमवर्गीय कुत्ता
परसाई का मध्यमवर्गीय कुत्ता

हरिशंकर परसाई का 1950 के आस पास लिखा एक लघु लेख पढ़ा तो लगा के 2017 में कोई आइना आसमान पर टांग गया . सार कुछ “क्रिएटिव फ्रीडम” के साथ ये था कि -परसाई जी एक स्नेही के पास कुछ दिन रुके, घर में एक कुत्ता था बड़ा भौंकने वाला. आते ही ऐसा भौंका, की लगा गाली दी - क्यों आया है बे? तेरे बाप का घर है? भाग यहाँ से!काफी देर भौंक पहले परसाई जी को दौड़ाया फिर अपने उच्चवर्गीय होने की धौंस जमा हीनभावना से भी ग्रसित कर गया.खैर भौंकने के बाद हिकारत की नज़रों से देख नौकर के साथ अहाते में घूमने चला गया.अहाते में दो सड़क Read more...

कोरोना का कल – जान, जहान और सम्मान
कोरोना का कल – जान, जहान और सम्मान

कोरोना वायरस को सौ साल में एक बार आने वाला वायरस कहा गया है, 1918 के स्पेनिश फ्लू ने पांच करोड़ जानें ली और इसके तेज़ी से फैलने का कारण यूरोप और इनकी एशियाई कॉलोनियों में सैनिकों का और मजदूरों का भारी संख्या में आना जाना था. कोरोना वायरस के तेज़ी फैलने का भी मुख्य कारण भी वैश्विक व्यापारिक गतिविधियाँ ही हैं. वही वैश्विक व्यापार जो विश्व के औद्योगिक क्रांति से वंचित रहे या हाल फिलहाल ही स्वायत्त हुए देशो की एक बड़ी जनसंख्या को अब तक ग़रीबी से तेज़ी से उबार रहा था. स्टीम इंजन और कोयले से शुरू हुई औद्योग Read more...

जीएसटी के अंतर्गत टैक्स स्लैबों के सरलीकरण एवं दरों में संशोधन की मांग
जीएसटी के अंतर्गत टैक्स स्लैबों के सरलीकरण एवं दरों में संशोधन की मांग

दिनांक 4 जनवरी, 2019 को संयुक्त व्यापार मंडल की बैठक अरविंद तेवतिया (मेरठ मंडल अध्यक्ष व सहारनपुर प्रभारी) की अध्यक्षता में पंडित अशोक भारतीय के रमते राम रोड स्थित प्रतिष्ठान पर संपन्न हुई. इस बैठक में व्यापारियों के हितों के कई मुद्दों पर एवं वित्त मंत्री द्वारा जीएसटी दरों में कमी करने और साथ ही व्यापारियों के लिए कर्जा माफ़ी की मांग की गयी. महामंत्री मेरठ मंडल श्री आकाश गुप्ता के संचालन में हुई इस बैठक के अंतर्गत भारतीय संस्कृति को स्थापित कराने के उद्देश्य को लेकर उन्होंने अपने विचार रखते हुए Read more...

संयुक्त व्यापार मंडल ग़ाज़ियाबाद बैठक के अंतर्गत व्यापारियों को जीएसटी में राहत देने की मांग
संयुक्त व्यापार मंडल ग़ाज़ियाबाद बैठक के अंतर्गत व्यापारियों को जीएसटी में राहत देने की मांग

26 दिसंबर 2018, को संयुक्त व्यापार मंडल गाजियाबाद की बैठक का आयोजन बालपुरा, रमते राम रोड, गाजियाबाद के अंतर्गत किया गया, जिसमें व्यापारियों की प्रमुख समस्याओं को लेकर चर्चा एवं उनके समाधान की दिशा में क्रियाशील रहने की बात की गयी.  श्री राजेश बंसल की अध्यक्षता में संपन्न हुई इस बैठक का संचालन महानगर मीडिया प्रभारी श्रीमती पूजा शर्मा द्वारा किया गया. बैठक में संयुक्त व्यापार मंडल के श्री संजय गोयल को पुनः महानगर अध्यक्ष का पदभार सौंपा गया. संजय जी से संगठन को मजबूत करने और समस्त कमेटी का गठन करने Read more...

बीजिंग बिकिनी के समर्थन में कुछ शब्द.
बीजिंग बिकिनी के समर्थन में कुछ शब्द.

गुड बनाम संगमरमरपहले मैं ज्यादा ध्यान नहीं देता था मगर कुछ समय पहले एक वरिष्ट सेवानिवृत अधिकारी से मुलाकात हुई. बनियान रोल कर के पेट के ऊपर टिका कर तोंद पर हाथ फिरते हुए घूम रहे थे.मुझे देखते ही बोले, आज कल के बच्चे ए.सी के पीछे पागल हो रखे है, मैं तो नहीं झेल सकता. जोड़ो में दर्द, तबियत ख़राब होने लगती है. मेरा पेट ही मेरा ए.सी. है.मैंने पूछा वो कैसे, बोले हाथ मेरे पेट पर रखो, फिर पूछे की ठंडा है की गरम, मैंने कहा ये तो ठंडा है. वो बोले बस यही मूल है. इस पेट के सहारे मैं इस चालीस डिग्री में सिर्फ Read more...

भारतीय शहर बनाम भारतीय गाँव : एक तथ्यपूर्ण परिचर्चा
भारतीय शहर बनाम भारतीय गाँव : एक तथ्यपूर्ण परिचर्चा

गाँव बनाम शहर - अर्थशाश्त्र, समाजशास्त्र और पॉलिटिक्स तीनो का सही भारतीय परिवेश ही गाँव और शहर के इस संघर्ष को बचा सकता है- प्रेम सिंह गाँव और शहर, यानि भारत की समग्रता को परिभाषित करती दो सबसे महत्वपूर्ण इकाइयां. जिनके साथ पूरे देश का आर्थिक, सामाजिक और लोकतांत्रिक आदि ढांचा अंतर्निहित है. लम्बे समय से इन दोनों व्यवस्थाओं के मध्य एक अंतर पसरा हुआ है, जो निरंतर बढ़ता भी जा रहा है. आज आवश्यकता है सही अर्थों में गांव और शहर को परिभाषित कर उनकी आधारभूत संरचनाओं को समझने की. गांव और शहर के मध्य कायम Read more...

बिग बिलियन डे, ग्रेट इंडियन फेस्टिवल सेल जैसे बंपर छूट का मायाजाल, जो वास्तव में है ही नहीं !
बिग बिलियन डे, ग्रेट इंडियन फेस्टिवल सेल जैसे बंपर छूट का मायाजाल, जो वास्तव में है ही नहीं !

बिग बिलियन डे, ग्रेट इंडियन फेस्टिवल सेल जैसे बंपर छूट का मायाजाल जो वास्तव में है ही नहींकहानी एक ऐसी सोच की जिससे खुद ही हारते गये हम. हमारे उस लोभ और लालच की जहां हमें सब कुछ कम में चाहिए. फ्री में मिल जाये तो उससे बेहतर और कुछ हो ही नहीं सकता. वैसे फ्री के लोभ में तो हम यहां किसी को चुनाव तक में ऐतिहासिक जीत तक दिलवा देते हैं. रेलवे बजट में किराया नहीं बढ़ना, बजट के बेहतर होने का प्रमाण होता है. बिग बिलियन डे के नाम पर बड़े-बड़े छूट के रुप में हमारे सामने चारा डाला जाता है और हम बड़ी आसानी से इस Read more...

अमेज़न, स्नैपडील और पेटीएम जैसे ई-कॉमर्स साईट घाटे में रहकर क्या वाकई में दे रहे हैं आपको लाभ?  क्या यह छूट बस एक दिखावा है ?
अमेज़न, स्नैपडील और पेटीएम जैसे ई-कॉमर्स साईट घाटे में रहकर क्या वाकई में दे रहे हैं आपको लाभ? क्या यह छूट बस एक दिखावा है ?

अमेज़न, स्नैपडील और पेटीएम जैसे ई-कॉमर्स साईट घाटे में रहकर क्या वाकई में दे रहे हैं आपको लाभ?यह छूट बस एक दिखावा है आईये एक बार फिर से आप पर लालच का भूत चढ़ाने को तैयार है आपके प्यारे ई-कॉमर्स साइट्स. घाटे में रहने वाली यह कंपनियाँ फिर से खुद को घाटे में रखकर आपको पहुचाएंगे लाभ ही लाभ. आपकी दिवाली में खुद का दिवाला निकालने को बेकरार अमेज़न का ग्रेट इंडियन फेस्टिवल सेल, स्नैपडील का अनबॉक्स दिवाली सेल या पेटीएम का 'महाबाजार' सेल फिर से एक बार आपको बेहद कम में बहुत कुछ देने जा रहा है.  फिर से शुरू हु Read more...

यूरोपियन उपनिवेश में अमेरिकन नरसंहार से बदला वैश्विक जलवायु का समीकरण – यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन का शोध
यूरोपियन उपनिवेश में अमेरिकन नरसंहार से बदला वैश्विक जलवायु का समीकरण – यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन का शोध

जब यूरोप अपने पुनर्जागरण के प्रारंभिक समय में था, अमेरिका के साम्राज्य में लगभग 60 मिलियन से अधिक की जनसंख्या का जमावड़ा हुआ करता था, किन्तु 1492 में यूरोपीय उपनिवेश का हिस्सा बना अमेरिका महामारियों, भुखमरी, वृहद् नरसंहार का शिकार हुआ, जिसने मूल आबादी को तबाह कर दिया. अमेरिका में कृषि के लिहाज से हुआ यह पतन इतना विनाशकारी था कि इसने वैश्विक जलवायु के समीकरण को ही बदल कर रख दिया और इसका नतीजा 16वीं सदी में आए "लिटिल आइस एज" (अल्प हिमयुग) के रूप में देखा गया.जर्नल क्वाटर्नेरी साइंस रिव्यूज में प्रक Read more...

फ्लिप्कार्ट, अमेजॉन और स्नेपडील जैसे ई-कॉमर्स साईट के भारी छूट का भारी सचभारी छूट का ऑफर कहीं आपकी जेब तो नहीं कतर रहा  अखबारों में विज्ञापनों की भरमा
फ्लिप्कार्ट, अमेजॉन और स्नेपडील जैसे ई-कॉमर्स साईट के भारी छूट का भारी सचभारी छूट का ऑफर कहीं आपकी जेब तो नहीं कतर रहा  अखबारों में विज्ञापनों की भरमा

फ्लिप्कार्ट, अमेजॉन और स्नेपडील जैसे ई-कॉमर्स साईट के भारी छूट का भारी सचभारी छूट का ऑफर कहीं आपकी जेब तो नहीं कतर रहा  अखबारों में विज्ञापनों की भरमार, टीवी पर आकर्षक छूट का प्रलोभन. आप चाहें कोई भी अखबार उठा लो या कोई भी चैनल बदल लो सभी इन्हीं के विज्ञापन से भरे हुए हैं. ध्यान रहें आपको आकर्षक छूट का लालच देते हुए यह विज्ञापन कहीं आपकी जेब कतर ना रहे हो. अक्सर हम भारी छूट की लालच में ज्यादा की खरीदारी कर लेते हैं, एक की जगह ये भी, ये भी करते हुए 3-4 सामान ले लेते हैं. मगर क्या वाकई ये भारी छूट Read more...

यह न्यू इण्डिया है...
यह न्यू इण्डिया है...

लेखक : अरुण तिवारी पानीबूंदा है, बरखा है,पर तालाब रीते हैं।माटी के होंठ तक कई जगह सूखे हैं।भूजल की सीढ़ी के नित नये डण्डे टूटे हैं।गहरे-गहरे बोर नेकई कोष लूटे हैं।शौचालय का शोर भी कई कोष लूटेगा।स्वच्छ नदियों का गौरव बचा नहीं शेष अब,हिमनद के आब तकपहुंच गई आग आज,मौसम की चुनौतीघर खेत खा रही,स्वस्थ भारत का सपना जल्द-शीघ्र टूटेगा।यह न्यू इण्डिया है.......पानी और शासनभाषणों में अपने वेपानी को प्राण और नदियों को प्राणरेखा बताते हैं,पर सत्ता हाथ आते हीसबसे पहले बांध की ऊंचाई बढ़ाते हैं।नदी मरे या जीये,उ Read more...

अखिल भारतीय उधोग व्यापर महासंघ का भारत बंद – शहादत को श्रद्धांजलि
अखिल भारतीय उधोग व्यापर महासंघ का भारत बंद – शहादत को श्रद्धांजलि

अखिल भारतीय उद्योग व्यापार महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रविदास मेहरोत्रा द्वारा सेना के सैनिकों की नृशंस हत्या का बदला लेने, आतंकवाद का सर्वनाश करने और पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब देने की मांग को लेकर भारत बन्द का आयोजन किया गया.शहीदों के परिवार में ही नहीं बल्कि पूरे देश में जबरदस्त गुस्सा है और इसके लिए पाकिस्तान को सबक सिखाना होगा. शहीदों के रक्त की एक-एक बूंद का बदला लेना होगा, अब वार्ता का नहीं कार्यवाही का समय है.भारत बन्द के अवसर पर देश के सभी उद्योग एवं व्यापारिक प्रतिष्ठान, बाजार एवं Read more...

विमुद्रीकरण का फैसला जिसे गोपनीय कहा गया वह वास्तव में गोपनीय था ही नहीं
विमुद्रीकरण का फैसला जिसे गोपनीय कहा गया वह वास्तव में गोपनीय था ही नहीं

वास्तव में नीचे दिए रिपोर्ट को देख कर यह पाता चलता है कि विमुद्रीकरण जिसे बेहद ही गोपनीय फैसला कहा गया था वह गोपनीय था ही नहीं. विमुद्रीकरण के फैसले के लगभग 15 दिन पहले दैनिक जागरण की यह रिपोर्ट वास्तव में सारी हकीकत बयान कर रही है. अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिस कालेधन को टारगेट बना कर विमुद्रीकरण का वार किया गया क्या वह सफल भी हो पाया? कहीं ऐसा तो नहीं बड़े लोगों को बचा कर आम लोगों के उपर ही कालेधन का सारा बोझ डाल दिया गया. 15 दिन पहले यह खबर आई तो यह कैसे संभव है कि कुछ और लोगों को इसके बारे मे Read more...

Feminization of media: The beauty myth in Bollywood
Feminization of media: The beauty myth in Bollywood

Bollywood is the term or rather the sobriquet used for the Hindi language film industry that runs from Mumbai. In India several film industries from different languages are also well-known like Tollywood for Telugu and Bengali films, Kollywood for Tamil films and so on. However it is Bollywood which has attracted attention of many for a long time to come. It is also known to be a potent cultural and promotional tool for India’s culture abroad. It has a long past that dates back to 1913 when Dada Read more...

लेबर कमीशन को ज्ञापन देकर उपकरण निर्धारण प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग
लेबर कमीशन को ज्ञापन देकर उपकरण निर्धारण प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग

आम जन मंच समिति द्वारा पीले क्वार्टर, लोहिया नगर, गाजियाबाद में लेबर ऑफिस पर लेबर कमिश्नर को ज्ञापन देकर एक पर्सेंट सेस तुरंत प्रभाव से वापस लेने की मांग की. आम जन समिति ने ज्ञापन देने के बाद निर्णय लिया कि सेस वापस ना होने की स्थिति में गाजियाबाद के जनप्रतिनिधियों, विधायकों एवं सांसदों का घेराव करके इस नाजायज सेस को वापस लेने की मांग की जाएगी. आम जन मंच के प्रवक्ता पंडित अशोक भारतीय जी ने बताया कि,  “यह एक प्रतिशत सेस पूरी तरह से नाजायज है, इसे यदि नहीं हटाया गया तो गाज़ियाबाद में संबंधित अधिकार Read more...

Demon(et)izing the Black Economy - III (The Conclusion)
Demon(et)izing the Black Economy - III (The Conclusion)

“Most of the evil in this world is done by people with good intentions.” ― T.S. EliotMuhammad-bin-Tughluq, one of the most controversial Sultan of Delhi (1324–51 A.D.) was a brave warrior and a religiously tolerant ruler. He was a scholar of logic, philosophy, mathematics, astronomy, physical sciences, calligraphy and liked exploring medicinal sciences. Tughluq was skilled in several languages (Persian, Arabic, Turkish & Sanskrit) and was an able commander (contended 22 rebellions) and a ver Read more...

A cash society, that is India & who gains from Demonetization?
A cash society, that is India & who gains from Demonetization?

India has been a cash society, small farmers, businesses, households everyone have been living on cash, and its ideal for our unique situation of local economics. Rural areas have access to state owned banking systems providing basic facilities and governments are trying to get people in through various schemes through awareness and consent basis. Still in local economies there is a big interdependence on cash. Readily available and evolved banking systems need certain amount of money in the loc Read more...

Demon(et)izing the Black Economy - II (The Numbers)
Demon(et)izing the Black Economy - II (The Numbers)

The only function of economic forecasting is to make astrology look respectable” - John Kenneth GalbraithThe economic forecasting, like astrology, is nothing but a prediction of your future activities & situation. Since your activities are influenced by drivers known and unknown, you wonder if the forecasters can ever get it right! Yet the 'pundits', just like you, can't resist the seduction of trying! While the predictions of unearthing black money, gains momentum...it's time you revisited Read more...

Demonetization Impact on bandits drug traffickers terrorists and stone pelting mob
Demonetization Impact on bandits drug traffickers terrorists and stone pelting mob

Black or Un-Accounted Money.Black money is a problem to any society, it has a multiplier effect on inequality, and feeds onto itself to support illegal trades and activities. Here are the hosts of this black money as per conventional beliefs. Mafias, Drug Traffickers, Bandits.Historically be it Pablo Escobar the narco-terrorist in Columbia who brought down governments, supreme courts and presidents in his time or Veerrapan in India or for that matter any bandit in hinterlands, a big component o Read more...

Jagdish Bhagwati on demonetization is so wrong that you might loose faith.
Jagdish Bhagwati on demonetization is so wrong that you might loose faith.

Screen Grab from the interview on NDTV Dated Dec-13-2016It was tough to watch the whole 21 minutes, never been a big fan of Mr. Bhagwati, have read him mostly with Mr. Panagaria. Still had some illusions which are now broken, shattered. Lets break down the interview and see if we can make any sense.Transitional LossYes we all agree 87% of cash value in the economy getting defunct and new set of notes printed is a loss. What was the point of coining a new term smugly. Does it take out the whole p Read more...

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